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राज्यसभा में बोले राजनाथ सिंह- चीन की कथनी-करनी में अंतर

नई दिल्ली । आज संसद के मानसून सत्र का चौथा दिन है। कोरोना के खतरे को देखते हुए संसद में कई व्यवस्थाएं की गई हैं। एलएसी पर चीन के साथ जारी तनाव को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज राज्यसभा में बयान दिया। राजनाथ सिंह ने चीन को सख्त लहजे में कहा है कि अगर एलएसी पर तनाव रहा तो दोनों देशों के रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि न तो हम देश का मस्तक किसी भी कीमत पर झुकने देंगे और न ही हम किसी का मस्तक झुकाना चाहते हैं। उधर, संसद में चीर पर चर्चा के लिए कांग्रेस अड़ी हुई है। हालांकि, सरकार संवेदनशीलता को देखते हुए बहस के पक्ष में नहीं है। बुधवार को सर्वदलीय बैठक में सरकार ने सभी दलों को साफ संकेत दिया था कि सीमा के हालात को देखते हुए सदन में अभी इस पर बहस नहीं कराई जा सकती।

चीन की कथनी और करनी में फर्क

राज्यसभा में रक्षा मंत्री ने कहा कि शांति बहाल करने के लिए कई समझौते किए गए, लेकिन चीन औपचारिक सीमाओं को नहीं मानता। बॉर्डर पर अगर तनाव जारी रहेगा तो द्विपक्षीय रिश्तों पर इसका सीधा असर पड़ेगा। चीन की कथनी और करनी में फर्क है। चीन ने यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हमारी सेनाओं के चीन के मंसूबों को विफल कर दिया और उसे भारी नुकसान पहुंचाया।

भरोसे में लेने की रणनीति

सरकार की ओर से रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने सभी दलों को भरोसे में लेने की रणनीति के तहत बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। सरकार ने सभी दलों के नेताओं को साफ संकेत दे दिया कि सीमा के हालात को देखते हुए सदन में अभी इस पर बहस नहीं कराई जा सकती।

 

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