क्या महाराष्ट्र की सत्ता से कांग्रेस बाहर होने वाली है ? यह सवाल कल से ही लोगों के मन में उठ रहा है. आइए आपको बताते हैं आखिर क्यों ? दरअसल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और शिवसेना सांसद संजय राउत की शनिवार को मुलाकात हुई जिसके बाद महाराष्ट्र के राजनीतिक गलियारों में अटकलों का बाजार गर्म हो गया. राउत ने मुंबई में उपनगर स्थित एक होटल में फडणवीस से मुलाकात की. आपको बता दें कि राउत पिछले साल विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता बंटवारे के फार्मूले को लेकर भाजपा विरोधी रुख के लिए सुर्खियों में थे.
शिवसेना नेता राउत ने कहा
इस मुलाकात के संबंध में शिवसेना नेता राउत ने कहा कि मैंने देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की. उनके साथ कुछ मुद्दों पर चर्चा करनी थी. वे सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हैं. वह विपक्ष के नेता भी हैं…यही नहीं वे बिहार चुनाव टीम के इंचार्ज भी हैं…हमारे विचार अलग हो सकते हैं लेकिन हम दुश्मन नहीं हैं. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को हमारी मुलाकात की जानकारी थी. आगे राउत ने कहा कि एनडीए के मजबूत स्तंभ शिवसेना और अकाली दल थे. शिवसेना को मजबूरन एनडीए से बाहर निकलना पड़ा, अब अकाली दल निकल गया. एनडीए को अब नए साथी मिल गए हैं, मैं उनको शुभकामनाएं देता हूं. जिस गठबंधन में शिवसेना और अकाली दल नहीं हैं मैं उसको एनडीए नहीं मानता.
केशव उपाध्ये ने कहा
महाराष्ट्र भाजपा के मुख्य प्रवक्ता केशव उपाध्ये ने कहा कि इस मुलाकात के कोई राजनीतिक मायने नहीं है. उन्होंने ट्वीट किया कि राउत ने (शिवसेना के मुखपत्र) सामना के लिए फडणवीस का साक्षात्कार लेने की इच्छा व्यक्त की थी और इसी बारे में चर्चा करने के लिए यह मुलाकात हुई थी. प्रवक्ता ने कहा कि फडणवीस ने राउत से कहा है कि वह बिहार में चुनाव प्रचार करके लौटने के बाद उन्हें साक्षात्कार देंगे. इस भेंट का कोई राजनीतिक संदर्भ नहीं है.
शिवसेना और भाजपा ने चुनाव मिलकर लड़ा था
आपको बता दें कि शिवसेना और भाजपा ने पिछले साल विधानसभा चुनाव मिलकर लड़ा था, लेकिन चुनाव के बाद सत्ता में साझेदारी को लेकर उद्धव ठाकरे नीत पार्टी भाजपा का साथ छोड़ गई थी और राकांपा तथा कांग्रेस के साथ मिलकर महाराष्ट्र में सरकार बना ली थी.