नई दिल्ली – पंजाब नेशनल बैंक ने कॉरपोरेट अफेयर्स मिनिस्ट्री को सूचना दी है कि उसे नीरव मोदी केस में रिकवरी की पहली किस्त के रूप में 32.5 लाख डॉलर यानी करीब 24.33 करोड़ रुपये मिल चुके हैं। रिकवरी की पहली किस्त मिलना मोदी सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। किसी कॉरपोरेट फ्रॉड के मामले में दुनिया के सामने भारत को ये बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। US Chapter 11 Trustee को संपत्तियों को बेचकर 1.10 करोड़ डॉलर यानी लगभग 82.66 करोड़ रुपये मिले हैं, जो पीएनबी समेत कई अन्य क्रेडिटर्स को दिए जाने हैं।
पैसों की रिकवरी के लिए कदम उठाए गए हैं
मंत्रालय ने यह भी कहा है कि उसने उन चीजों या संपत्तियों से भी पैसों की रिकवरी के लिए कदम उठाए गए हैं, जो कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी द्वारा कंट्रोल किए जाते हैं। बता दें कि पंजाब नेशनल बैंक ने 2018 में कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय को सूचित किया था कि नीरव मोदी द्वारा प्रमोट की गई तीन कंपनियों ने चैप्टर 11 दिवालिया संरक्षण के लिए अमेरिका के दक्षिणी जिले न्यूयॉर्क में याचिका दायर की है। ये तीन कंपनियां फायरस्टार डायमंड, ए जाफी और फैंटेसी हैं। पीएनबी ने कॉरपोरेट कार्य मंत्रालय से यह भी अनुरोध किया था कि वह देनदार की संपत्ति में अपने दावों के लिए अमेरिका में दिवालियापन की इस कार्यवाही में शामिल हो।
नीरव मोदी की पत्नी के खिलाफ इंटरपोल का गिरफ्तारी वारंट
इंटरपोल ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपी नीरव मोदी की पत्नी एमी मोदी के खिलाफ धन शोधन के आरोपों में एक वैश्विक गिरफ्तारी वारंट जारी किया है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अनुरोध पर वैश्विक पुलिस निकाय इंटरपोल ने ‘रेड नोटिस’ जारी किया है। एक बार भगोड़े के खिलाफ जारी किए गए इस तरह के नोटिस के बाद, इंटरपोल अपने 192 सदस्यीय देशों को उस व्यक्ति को गिरफ्तार करने या हिरासत में लेने के लिए कहता है, जब उसे उनके देशों में देखा जाता है। इसके बाद प्रत्यर्पण या निर्वासन की कार्यवाही शुरू हो सकती है।
संपत्तियों को जब्त किये जाने के आदेश दिये थे